‘किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार, किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार’

हेमराज हरनोट
बल्देयां : ”किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार, किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार। रिश्ता दिल से दिल के ऐतबार का, जि़न्दा है हमीं से नाम प्यार का।” वर्ष 1959 में आई अनाड़ी फिल्म का यह गीत मानवीय संवेदना की एक उम्दा पेशकश है और इसी जज्बे को जिंदा रखा है समाजसेवी व एवॉल्व नेचर रिजॉर्ट के महाप्रबंधक सतीश शर्मा ने।

सतीश शर्मा ने बसंतपुर वृद्धाश्रम के निवासियों के साथ शिवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया। आश्रम में शिव उपासना की गई जिसमें शिव स्तुति से भगवान शिव का ध्यान किया गया। भोले के जयकारों और भक्तिमय माहौल ने आश्रम के निवासियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। शिव उपासना के उपरांत भोलेनाथ को भोग लगाया गया।
शिवरात्रि के मौके पर समाजसेवी व एवॉल्व नेचर रिजॉर्ट के महाप्रबंधक सतीश शर्मा ने वृद्धाश्रम के निवासियों के लिए दोपहर भोज का आयोजन भी किया गया था। शिव उपासना के बाद इस भोज ने शिवरात्रि पर्व को चने की दाल, पुलाव, मिक्स वेज, पूरी, खीर व बैर के लजीज जायके से लाजवाब बना दिया।
सतीश शर्मा ने बताया कि वे हर महीने बसंतपुर वृद्धाश्रम के निवासियों के लिए इसी तरह के भोज का आयोजन किया करेंगे। उनका कहना है कि वे वृद्धाश्रम के निवासियों के लिए अपने एवॉल्व नेचर रिजॉर्ट में मेजबानी भी करना चाहते है।
काबिल-ए-जिक्र है कि एवॉल्व नेचर रिजॉर्ट के महाप्रबंधक सतीश शर्मा दिसम्बर माह में भी बसंतपुर वृद्धाश्रम में एक भोज का आयोजन कर चुके हैं। उन्होंने राजकीय विद्यालय बल्देयां के कक्षा एक से पांचवी तक प्रथम आने वाले छात्रों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए रिजॉर्ट में एक दिन का फ्री स्टे करवाया है। सतीश शर्मा का कहना है कि बच्चों में शिक्षा के प्रति लगाव उत्पन्न करना बहुत जरूरी है ताकि वे अपना भविष्य उज्ज्वल बना सके।

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