प्रदेश सरकार गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिये निरन्तर प्रयासरत : सरवीन चौधरी

धर्मशाला : सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीन चौधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिये निरन्तर प्रयासरत है। प्रदेश में शिक्षण संस्थानों के मूलभूत ढांचे को विकसित करने पर बल दिया गया है। सरकार ने राज्य के ग्रामीण एवं दूरवर्ती क्षेत्रों में बच्चों को घर-द्वार पर बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। सरवीन चौधरी 19.50 लाख रुपये की लागत से निर्मित राजकीय उच्च पाठशाला नेरटी के अतिरिक्त भवन का उद्घाटन करने के उपरांत उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए बोल रही थीं।
सरवीन ने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की है। उन्होंने कहा कि पहले बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए लम्बा सफर तय करना पड़ता था लेकिन आज विद्यार्थियों को उनके घर-द्वार के समीप बुनियादी एवं उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश में नये स्कूल व कॉलेज खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान दूरदराज के क्षेत्रों में नये कालेज खोले गये हैं और आज लड़कियां उच्च शिक्षा के मामले में अधिकांश संस्थानों में लड़कों को पीछे छोड़ रही हैं। उन्होंने छात्रों का आह्वान किया कि वह जीवन में आगे बढने के लिए लक्ष्य निर्धारित करें तथा उसे प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करें। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है, इसलिए छात्रों को चाहिए कि वह शिक्षा के साथ-साथ हर प्रकार की स्कूली गतिविधियों में बढ़-चढ़ कर भाग लें।
उन्होंने अध्यापकों से बच्चों के सर्वांगीण विकास पर बल देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति देश की बहुमूल्य सम्पदा है और युवाओं की प्रतिभा, ऊर्जा एवं क्षमता का सदुपयोग कर एवं उनमें अनुशासन की भावना का विकास कर सुदृढ़ समाज, विकसित प्रदेश व सशक्त राष्ट्र का निर्माण संभव है। इस अवसर पर मुख्याध्यापक संजय कुमार जांवला ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और स्कूल द्वारा चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी।
इस दौरान स्कूली छात्रों द्वारा शानदार रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। सांस्कृतिक कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए मुख्यातिथि ने आठ हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की। सरवीन चौधरी ने बताया कि ग्राम पंचायत रजोल में नया 33 के वी विद्युत उपकेंद्र बनकर तैयार हो चुका है जिसको बनाने में लगभग 3.50 करोड़ की लागत आई है। आने वाले कुछ दिनों में ग्राम पंचायत नेरटी व इसके साथ लगती सभी पंचायतों को 33 केवी विद्युत उपकेंद्र रजोल के साथ जोड़ा जाएगा जिस पर 15 लाख रुपये की राशि खर्च होगी। गांव नेरटी में 100 केवीए ट्रांसफार्मर को 250 केवीए ट्रांसफार्मर में अपग्रेड किया जाएगा जिस पर पांच लाख रुपए की राशि खर्च की जाएगी।
उन्होंने बताया कि 15 लाख से हरिजन बस्ती नेरटी, 20 लाख से संपर्क मार्ग भेरू संध का कार्य पूरा हो चुका है। 20 लाख से संपर्क मार्ग रैत से प्रेई बनाया जायेगा जिसका कार्य जल्दी शुरू कर दिया जायेगा। संपर्क मार्ग रैत, नेरटी, भेरु, सँध, चुरथा, बल्लाह, पुहारा के लिए 180 लाख रुपए के लिए डीपीआर प्रस्तुत की गई है। 382 लाख से मकरोटी, भेरु, सँध सड़क का कार्य प्रगति पर है।
जल जीवन मिशन के तहत उठाऊ पेयजल योजना भैरो, चुरथा व नेरटी पंचायतों में 126 नल लगाने का प्रावधान है। इस योजना के तहत भैरो, चुरथा व नेरटी व योल पंचायतों के लोग लाभान्वित होंगे। जिसका कार्य पूरा कर लिया गया है। 507.37 लाख से विधानसभा क्षेत्र शाहपुर के अंतर्गत विभिन्न पेयजल योजनाओं का सुधार किया जा रहा है। इस योजना के तहत नेरटी पंचायत में 55 नए नल लगाने का प्रावधान है। कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि गढ़ माता मंदिर के सामुदायिक भवन के लिए पांच लाख, गढ़ माता मंदिर के लंगर शेड के लिए चार लाख रुपए दिए गये हैं। उन्होंने लंगर शेड के लिए अतिरिक्त दो लाख रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने स्कूल में दो टायलेट, चारदीवारी तथा स्टेज बनाने की घोषणा की।
इस अवसर पर सेवानिवृत्त लेक्चरर रमेश चंद मस्ताना ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री को मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 5100 रुपये का चेक भेंट किया। सरवीन चौधरी ने नेरटी में लोगों की समस्याएं सुनीं तथा अधिकांश का मौके पर ही निपटारा कर दिया तथा शेष समस्याओं के समाधान हेतू सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को दिशा निर्देश दिये।
इस अवसर पर एसडीएम डॉ. मोरारी लाल, मण्डल अध्यक्ष प्रीतम चौधरी, शिक्षक संघ के प्रांत अध्यक्ष पवन कुमार, अधिशासी अभियंता जल शक्ति विभाग सुमित कटोच, घरोह के प्रधान तिलक राज शर्मा, सीडीपीओ रैत अशोक कुमार शर्मा, एसडीओ विद्युत अनिल कुमार शर्मा, एसडीओ लोक निर्माण विभाग बलबीत, बीडीसी अनुराधा, प्रधान नेरटी रजनी देवी, उपप्रधान शेर सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, विभिन्न स्कूलों के प्रधानाचार्य, विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधि, स्कूल का स्टाफ, बच्चों के अभिभावक, स्कूली बच्चों सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।