एसजेवीएन अपना काम हिन्दी में करने के लिए कर रहा है हर संभव प्रयास : गीता कपूर

॥> एसजेवीएन निदेशक (कार्मिक) गीता कपूर ने की राजभाषा संगोष्ठी की अध्यक्षता

शिमला : हिन्दी पखवाड़े के तहत एसजेवीएन लिमिटेड ने होटल हॉली-डे-होम, शिमला के सभागार में राजभाषा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस राजभाषा संगोष्ठी़ की अध्यक्षता एसजेवीएन की निदेशक (कार्मिक) गीता कपूर ने मुख्य अतिथि के रूप में की। इस अवसर पर नराकास (कार्यालय-2) शिमला के विभागाध्यक्ष / प्रतिनिधि तथा एसजेवीएन के अनेक वरिष्ठ अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर विद्युत मंत्रालय की हिन्दी सलाहकार समिति के सदस्य डॉ. अरूणाकर पाण्डे्य, यतीन्द्र कुमार कटारिया, पूरन चंद टण्डन तथा डॉ. विकास दवे अतिथि वक्ताओं के रूप में उपस्थित रहे।
इस अवसर पर निदेशक (कार्मिक) गीता कपूर ने अपने संबोधन में कहा कि अपने रोजमर्रा के कार्यालयी कामकाज में हम राजभाषा के रुप में हिन्दी से रु-ब-रु होते ही हैं। एसजेवीएन द्वारा अपना काम हिन्दी में करने के लिए प्रेरित करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि हिन्दी संबंधी कार्यक्रमों में कर्मचारी बड़े मनोयोग से भाग लेते हैं।
राजभाषा संगोष्ठी के दौरान विद्युत मंत्रालय की हिन्दी सलाहकार समिति के अतिथि वक्ताओं ने अपने संबोधन में राजभाषा हिन्दी के अनुप्रयोग एवं इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला तथा हमें अपना कामकाज किस तरह से हिन्दी में करना चाहिए, इस बारे में विस्तृत रूप से उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अवगत करवाया।
अतिथि वक्ता के रूप में उपस्थित यतीन्द्र कुमार कटारिया ने भाषा विज्ञान के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की तथा बताया कि हिन्दी ने वर्तमान समय में विश्व स्तर पर अपनी किस प्रकार पहचान बना ली है अतिथि वक्ता डॉ. विकास दवे ने आधुनिक समय में प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में तथा कम्प्यूटर में हिन्दी की उपयोगिता पर भी प्रकाश डाला। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पूर्ण चंद टण्डन ने हिन्दी पारिभाषिक शब्दावली के निर्माण की पृष्ठभूमि और महत्व पर प्रकाश डाला। चन्द्र शेखर यादव, वरिष्ठ अपर महाप्रबंधक (राजभाषा) के धन्यवाद ज्ञापन के साथ राजभाषा संगोष्ठी का समापन हुआ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *