महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों के विपणन के लिए सरस आजीविका मेला बेहतरीन मंच

शिमला : शहरी विकास, आवास, नगर नियोजन, विधि, सहकारिता एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने ऐतिहासिक रिज शिमला के पदमदेव परिसर एवं गेयटी थियेटर में सरस आजीविका मेला-2022 का शुभारंभ किया। यह मेला 03 अप्रैल, 2022 तक चलेगा।
उन्होंने बताया कि ऐसे आयोजन ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने एवं स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित करने में सहायक सिद्ध होते हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन एवं ग्रामीण विकास विभाग की यह एक महत्वपूर्ण पहल है। इस मेले में देश के 13 राज्यों के साथ-साथ प्रदेश एवं जिला शिमला के स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगभग 80 प्रदर्शनी एवं बिक्री केन्द्र स्थापित किए गए हैं।
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि ग्रामीण परिवेश में रहने वाली महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों के विपणन के लिए यह बेहतरीन मंच है। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की बेहतर गुणवता के कारण उनकी मांग बढ़ती जा रही है, इनसे जुड़ी महिलाओं की आय में वृद्धि दर्ज की जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री एवं विपणन के लिए एमाजॉन एवं फ्लिपकार्ट के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया है ताकि इन उत्पादों को वैश्विक पहचान प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं। शहरी क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अर्बन हार्ट स्थापित किए जाएंगे।
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत श्रेणी-1 जिलों शिमला, मण्डी, कांगड़ा तथा ऊना में, समय पर किश्त का भुगतान करने की अवस्था में, भारत सरकार द्वारा ब्याज उपदान देने के बाद इन समूहों को अधिकतम 4 प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। शेष 8 श्रेणी-2 जिलों में यह ब्याज दर 7 प्रतिशत है। वित वर्ष 2022-23 के बजट में श्रेणी-2 के 8 जिलों के स्वयं सहायता समूहों को भी श्रेणी-1 के 4 जिलों के समरूप 4 प्रतिशत की दर से ही ऋण उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया गया है। भारत सरकार द्वारा ब्याज उपदान देने के बाद जो भी अतिरिक्त ब्याज देय होगा, उसे प्रदेश सरकार द्वारा ब्याज सबवेंसन के रूप में वहन किया जाएगा। वित वर्ष 2022-23 में विभिन्न सहायता समूहों के लिए 65 करोड़ रुपये व्यय करने का प्रावधान किया गया है।
शहरी विकास मंत्री ने मेले में लगाए गए प्रत्येक स्टॉल में उत्पादों के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया। इस अवसर पर महापौर नगर निगम शिमला सत्या कौंडल, उप-महापौर शैलेन्द्र चैहान, पार्षद, उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी, अतिरिक्त उपायुक्त शिवम प्रताप सिंह, उपमंडलाधिकारी शिमला शहरी मंजीत शर्मा, परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण संजय भगवती एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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