विद्युत मंत्री ने मणिपुर और मिजोरम के लिए संयुक्त विद्युत नियामक आयोग के सदस्य को पद की शपथ दिलाई

केंद्रीय विद्युत तथा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने मणिपुर और मिजोरम के लिए संयुक्त विद्युत नियामक आयोग के सदस्य के रूप में रेंगथनवेला थंगा को पद की शपथ दिलाई। केंद्र सरकार द्वारा विद्युत अधिनियम, 2003 के प्रावधानों और मणिपुर तथा मिजोरम की राज्य सरकारों द्वारा हस्ताक्षरित किए गए समझौता ज्ञापन के अनुपालन में मणिपुर और मिजोरम के लिए एक संयुक्त विद्युत नियामक आयोग (जेईआरसी) का गठन किया गया है, जिसमें दोनों राज्यों ने भारत सरकार को अपनी ओर से जेईआरसी का गठन करने के लिए अधिकृत किया था। यह दो सदस्यीय आयोग है, प्रत्येक सदस्य अपने संबंधित राज्य का प्रतिनिधित्व करता है। केंद्र सरकार इस अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत और एमओए के पालन में मणिपुर और मिजोरम राज्यों से आयोग के सदस्यों की नियुक्ति करती है।

अधिनियम के अंतर्गत आयोग के प्रमुख कार्य, अन्य बातों के अलावा, राज्य में बिजली का उत्पादन, आपूर्ति, ट्रांसमिशन और व्हीलिंग, थोक बिक्री, थोक या खुदरा के लिए टैरिफ को विनियमित करना, क्योंकि मामला राज्य के अंदर का हो सकता है; वितरण लाइसेंसधारियों की विद्युत खरीद को विनियमित करना, अंतर-राज्य ट्रांसमिशन और विद्युत के व्हीलिंग की सुविधा; ट्रांसमिशन लाइसेंसधारियों, वितरण लाइसेंसधारियों और विद्युत व्यापारियों को लाइसेंस जारी करना; ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों से सह-उत्पादन और विद्युत उत्पादन को बढ़ावा देना तथा लाइसेंसधारियों और उत्पादन कंपनियों के बीच उत्पन्न विवादों पर अपना निर्णय देना आदि। 

एमओए के प्रावधानों और विद्युत अधिनियम-2003 से संबंधित प्रावधानों के अनुसार, रेंगथनवेला थंगा को मणिपुर राज्य की ओर से पांच वर्ष की अवधि के लिए या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।

रेंगथनवेला थंगा का जन्म 10.06.1960 को हुआ। रेंगथनवेला थंगा ने बी. कॉम और एलएलबी की डिग्री प्राप्त की है। वे अप्रैल 2014 से लेकर जून 2020 तक जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर कार्यरत रहे हैं और 30.6.2020 को इस पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। इससे पहले वे 1999 से लेकर 2014 तक गुवाहाटी हाईकोर्ट में रजिस्ट्रार के पद पर कार्यरत रहे।