सुभाष सरकार ने सहोदय विद्यालय परिसरों के 27वें राष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन को संबोधित किया

सीबीएसई और सहोदय समिति ग्वालियर द्वारा आयोजित सहोदय स्कूल परिसरों का 27वां राष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन वर्चुअल रूप में शुरू हुआ। इस कार्यक्रम में  मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार भी उपस्थित थे। 

शिवराज सिंह चौहान ने सम्मेलन को वर्चुअल रूप में आयोजित करने के लिए सहोदय समिति ग्वालियर के प्रयासों की सराहना की। अपने भाषण में, उन्होंने मध्य प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र के योगदान के बारे में बताया और श्रोताओं को स्वामी विवेकानंद के कथन – शिक्षा ही हमें मानव बनाती है – से प्रेरित किया। अपने भाषण में, उन्होंने छात्रों को सत्य, ज्ञान और समग्र विकास के मार्ग को अपनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से विकास हुआ है और शिक्षा संस्थानों की राज्य-व्यापी पहुंच संभव हुई है। वे इस सम्मेलन के परिणामों पर काम करने के लिए तत्पर हैं, ताकि राज्य को भविष्य के विकास की ओर ले जाने के लिए मार्गदर्शन मिल सके।

सुभाष सरकार ने अपने भाषण की शुरुआत ‘आओ कल के भारत की तस्वीर बनाएं’ से की। उन्होंने ज्ञान, एकता, सामूहिक सोच और सांस्कृतिक साझेदारी की सर्वोच्च शक्ति पर जोर दिया। श्री सरकार ने रटने की विद्या के बदले कला और खेल-एकीकृत शिक्षा के माध्यम से  समग्र, एकीकृत, मनोरंजक और आकर्षक तरीके से सीखने पर आधारित एनईपी-2020 के बारे में प्रकाश डाला।

उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए सूक्ष्म-शिक्षण कार्यक्रम को भी रेखांकित किया, जो एक योग्यता-आधारित शिक्षा प्रणाली पर केंद्रित है। मंत्री सरकार ने सीबीएसई के सभी संबद्ध स्कूलों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू करने के प्रयासों की सराहना की, ताकि छात्र, शिक्षा के सभी नवीनतम रुझानों के साथ तालमेल बिठा सकें। उन्होंने यह भी कहा कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ पूरे देश में मनाया जा रहा है और स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में सहोदय स्कूल परिसरों के 27वें सीबीएसई वार्षिक सम्मेलन का आयोजन हुआ है, उत्सव को मनाने का इससे बेहतर तरीका और क्या हो सकता है।

सुभाष सरकार ने देश भर के सीबीएसई स्कूलों के युवा छात्रों के असाधारण कलात्मक कौशल का प्रदर्शन करते हुए, डिजिटल आर्ट गैलरी, ‘नव-कला विथिका’ का उद्घाटन किया। उन्होंने स्वतंत्रता के 75 साल का उत्सव के एक भाग के रूप में ई-स्मारिका ‘अमियोत्सव’ भी जारी की, जो ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ विषय पर देश की विरासत के संरक्षण से सम्बंधित विभिन्न उदाहरणों (केस स्टडी) पर आधारित है। 

सम्मलेन को सीबीएसई के अध्यक्ष मनोज आहूजा ने भी संबोधित किया। उन्होंने सीबीएसई के विकास और सहोदय स्कूल परिसरों की प्रगति को रेखांकित करते हुए एक संक्षिप्त वर्णन प्रस्तुत किया और भविष्य के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा प्रणालियों के विकास पर प्रकाश डाला। आहूजा ने कहा कि सीबीएसई प्रयोगात्मक, वैज्ञानिक और सामाजिक कौशल, योग्यता-आधारित शिक्षा और सार्थक व आनंदमय शिक्षण के संयोजन पर आधारित नवीन और बच्चों के अनुकूल शिक्षा का समर्थन करता है। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि उन्हें छात्रों को ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ अभियानों में भाग लेने की सुविधा प्रदान करनी चाहिए। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में भारत और विदेशों के स्कूल समुदाय के लगभग 15,000 प्राचार्य शामिल हुए।