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अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान की कल्याणकारी योजनाओं को अधिकारी तत्परता से करें क्रियान्वित : वीरेंद्र कश्यप

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शिमला : अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान के लिए केन्द्र तथा प्रदेश सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं तथा कार्यक्रमों को तत्परता से सभी अधिकारी क्रियान्वित करे। यह बात आज प्रदेश के अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष वीरेन्द्र कश्यप ने बचत भवन में आयोजित पहली जिला स्तरीय अनुसूचित जाति वर्ग की समीक्षा बैठक के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि जिला में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से अनुसूचित जाति के छात्रों को वर्ष 2015 से 2021 तक 642 मामलों में कुल 27 करोड़ 8 लाख रुपये की राशि वितरित की गई तथा बैंकिंग अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा ऋण उपलब्ध करवाने के आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। जिला की कुल संख्या में से अनुसूचित जाति की जनसंख्या 26.50 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 2020-21 में 118 करोड़ 74 लाख रुपये की राशि खर्च की गई है। 2018-19 से 2021-22 तक कम्प्यूटर एवं समवर्गीय क्रियाकलापों में प्रशिक्षण एवं दक्षता वृद्धि योजना के अंतर्गत जिला में कुल 1350 लोगों को लाभान्वित किया गया, जिस पर 35 लाख 24 हजार रुपये की राशि व्यय की गई। स्वर्ण जयंती आश्रय योजना के अंतर्गत जिला में वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक 1096 लोगों को लाभान्वित किया गया, जिस पर लगभग 14 करोड़ 40 लाख रुपये की राशि व्यय की गई। उन्होंने केन्द्र सरकार तथा प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के सामाजिक, आर्थिकी तथा शिक्षा पर चलाई जा रही योजनाओं, कार्यक्रमों एवं अधिनियमों को धरातल में क्रियान्वित करने के लिए जिला के सभी अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि दलित वर्गों के लिए चलाई जा रही सभी योजनाओं को जिला परिषद सदस्य, खण्ड समिति सदस्य एवं पंचायत प्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को योजनाओं से अवगत करवाएं, जिससे समाज में रह रहे अनुसूचित जाति वर्ग इन योजनाओं का लाभ उठा सके। उन्होंने जिला के अधिकारियों को निर्देश दिए कि उनके विभाग में चलाई जा रही योजनाओं को जागरूकता शिविरों के माध्यम से लोगों को विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाएं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे अनुसूचित जाति वर्ग के लोग लाभ प्राप्त कर सके।
उन्होंने अनुसूचित जाति वर्ग के संगठनों से भी आग्रह किया कि वे भी अपने-अपने क्षेत्रों में रह रहे अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करवाने में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर का मुख्य उद्देश्य था कि समाज में रह रहा हर व्यक्ति शिक्षित होना चाहिए और उन्होंने अनुसूचित जाति वर्ग तथा अन्य सभी वर्गों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हम सबका भी दायित्व होना चाहिए कि हम सब अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करें, जिससे हम समाज में एक अच्छे नागरिक का दायित्व निभा सके।
उन्होंने कहा कि हम सब समाज का अंग है। इसमें सभी अनुसूचित जाति संगठन तथा पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में अनुसूचित जाति वर्ग के साथ आ रही प्रमुख कठिनाईयों से अवगत करवाया है, जिस पर अनुसूचित जाति आयोग गहनता से विचार कर इन कठिनाईयों का समाधान करेगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देव भूमि है। अन्य प्रदेशों की तुलना में हिमाचल में अनुसूचित वर्ग के साथ उत्पीडऩ नहीं होता है।
उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है। प्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र में रह रहे महिलाओं की कल्याणकारी योजनाओं को लाभ प्राप्त करना है। यह कार्य तभी संभव हो सकेगा जब सभी विभाग अपनी योजनाओं से जागरूकता शिविरों के माध्यम से महिलाओं को जागरूक करेगा। इस अवसर पर अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य जगजीत बग्गा, अजय चौहान, कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक सीमित अध्यक्ष शशी बाला, हिमकोफैड के अध्यक्ष कौल सिंह नेगी, उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी, पुलिस अधीक्षक डॉ. मोनिका भंटुगरू अतिरिक्त निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग नीरज गुप्ता, जिला परिषद के सदस्य, बीडीसी सदस्य एवं अन्य विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।