सेना में भर्ती होकर पीढ़ी दर पीढ़ी देश की सेवा करना हिमाचल की परम्परा : डॉ. रामलाल मारकंडा

केलंग : तकनीकी शिक्षा एवं जनजातीय विकास मंत्री डॉ.राम लाल मारकंडा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के साथ-साथ वीरभूमि के रूप में भी जाना जाता है। प्रदेश के जांबाज सपूत देश की रक्षा के लिए सदैव अपना सर्वस्व न्यौछावर करने के लिए तत्पर रहते हैं। सेना में भर्ती होकर पीढ़ी दर पीढ़ी देश की सेवा करना हिमाचल की परम्परा रही है। सेना में कार्यरत होना यहां के लोगों के लिए सर्वोच्च सम्मान है।
डॉ.मारकंडा रविवार को लाहौल मंडल के सिस्सु में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सिस्सु का नाम बदलकर गांव के शहीद हवलदार तंजिन फुंचोग राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सिस्सु रखने के उपरांत उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने शहीद हवलदार तंजिन फुंचोग के परिवार तथा इलाकावासियों को इस पुनीत कार्य के लिए बधाई दी द्य
उन्होंने कहा कि वर्ष 1962 में इंडो चाइना वार में हवलदार तंजिन फुंचोग शहीद हो गये थेद्य जिस पर उन्हें सम्मान देने के लिए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सिस्सु का नाम बदलकर शहीद हवलदार तंजिन फुंचोग राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सिस्सु रखा गया है।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि देश को सर्वोपरि रखने और देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले वीर जवानों को याद करने की प्रदेश सरकार की पहल व उन्हें श्रद्धाजंलि है। उन्होंने कहा कि शहीद सैनिकों या अन्य महान हस्तियों के नाम पर स्कूलों का नामकरण वर्तमान पीढ़ी को राष्ट्र निर्माण में योगदान करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से किया गया था। उन्होंने कहा कि अनुशासन, शौर्य, कर्मठता, नि:स्वार्थ सेवा, निष्ठा प्रतिष्ठा व ईमानदारी हिमाचल के लोगों को विरासत में मिली है। प्रदेश के वीर सपूत सेना से सेवानिवृत होकर भी विभिन्न क्षेत्रों में सेवा प्रदान कर देश व प्रदेश के विकास मेें योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि लाहौल स्पिति जिला के लोगों का सेना, अर्धसैनिक और पुलिस बलों में पीढ़ी दर पीढ़ी सेवा करने का एक समृद्ध इतिहास रहा है।
उन्होंने कहा कि कोई भी युद्ध हथियारों के बल पर नहीं लड़ा जाता है, युद्ध लड़े जाते हैं साहस, बलिदान, राष्ट्र प्रेम व कर्तव्य की भावना से और हमारे देश व प्रदेश में इन जज्बों से भरे युवाओं की कोई कमी नहीं है, मगर इनकी यादें हमारे दिलों में हमेशा -हमेशा के लिए बसी रहेंगी। डॉ. मारकंडा ने कहा कि शहीद सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों तथा सेवारत सैनिकों तथा स्वतन्तत्रा सेनानियों द्वारा राष्ट्र को दी गई सेवाओं के लिए समस्त प्रदेशवासी उनके कृतज्ञ हैं। प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानी, भूतपूर्व सैनिक तथा उनके परिजन सम्मानपूर्वक जीवनयापन कर सकें, इसके लिए प्रदेश सरकार ने अनेक योजनाएं चलाई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार शहीदों के आश्रितों को करूणामूलक आधार पर रोजगार प्रदान कर रही है।
उन्होंने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास में उनके अभिभावकों व अध्यापकों का अहम रोल रहता है । अध्यापकों द्वारा विद्यार्थी जीवन में बताये गए रास्तों व शिक्षाओं को वे हमेशा याद रखते हुए आगे बढ़ते हैं । उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में बच्चों की घटती हुई संख्या हम सब के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने लोगों से अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में दाखिल करने का आग्रह किया द्य
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने महिला सशक्तिकरण और उनके कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना, महिला यात्रियों के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में किराये में 50 प्रतिशत की रियायत प्रदान की है। 125 यूनिट बिजली नि:शुल्क तथा गाँव में नि:शुल्क पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है।
स्कूल की प्रधानाचार्य पालमो थॉमस ने तकनीकी शिक्षा मंत्री का स्वागत किया और स्कूल द्वारा चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों बारे विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर स्कूल के बच्चों द्वारा संस्कृति से ओतप्रोत रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। इस अवसर पर डॉ रामलाल मार्कण्डा ने शहीद के बेटे शेर सिंह तथा पोतों को सम्मानित किया।
इससे पूर्व एसएमसी शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल ने केलंग में तकनीकी शिक्षा मंत्री से उनकी मांगों को पूरा करने के लिए आभार प्रकट किया। इस अवसर टीएसी मेंबर शमशेर चंद, नायब तहसीलदार राम चंद नेगी, बीडीसी अंजू, एसडीओ लोक निर्माण विभाग मनोज, पंचायत प्रधान राजीव, प्रधान गोंदला सूरज ठाकुर,स्कूल का स्टाफ, बच्चों सहित बडी संख्या में लोग मौजूद थे।

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