आईआईटी मद्रासैं के बी.एससी. डेटा साइंस प्रोग्राम में प्रवेश शुरू

चेन्नई : अब ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को भी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास से प्रोग्रामिंग और डेटा साइंस प्रोग्राम में बी.एससी. करने के लिए प्रवेश दिया जाएगा। कॉलेज के विद्यार्थी, कार्यरत प्रोफेशनल और करियर ब्रेक लेने के इच्छुक उम्मीदवार भी आवेदन कर सकते हैं।
संस्थान का यह अग्रणी प्रोग्राम 2020 में शुरू की गई एक अभूतपूर्व पहल है जिसके तहत मई 2022 टर्म के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।
विद्यार्थियों को स्कूल में पढ़ते हुए आईआईटी मद्रास में प्रवेश सुरक्षित करने का अवसर देकर संस्थान ने उनका तनाव कम करने का बेजोड़ प्रयास किया है। इसके तहत आईआईटी मद्रास ने अब कक्षा 11 से ही विद्यार्थियों को योग्यता प्रक्रिया में आवेदन करने की अनुमति दी है। मई 2022 तक ग्यारहवीं की कक्षा पूरी करने या वर्तमान में बारहवीं कक्षा के विद्यार्थी मई 2022 टर्म की योग्यता प्रक्रिया में आवेदन कर सकते हैं और योग्यता हासिल करने वाले उम्मीदवार बारहवीं कक्षा पूरी करने के बाद कोर्स शुरू कर सकते हैं।
सीटों की संख्या सीमित नहीं है और इसलिए योग्यता प्राप्त करने वाले सभी उम्मीदवार प्रोग्राम में प्रवेश ले सकते हैं। जेईई एडवांस 2021 परीक्षा के लिए योग्यता प्राप्त उम्मीदवार मई 2022 में इस बी.एससी. प्रोग्राम में शामिल हो सकते हैं।
डेटा साइंस प्रोग्राम के मई टर्म के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 20 अप्रैल 2022 है। इच्छुक विद्यार्थी वेबसाइट https://onlinedegree.iitm.ac.in पर आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन प्रक्रिया में बदलाव की जानकारी देते हुए आईआईटी मद्रास में प्रोग्रामिंग और डेटा साइंस में बी.एससी. के प्रभारी प्रोफेसर प्रो. एंड्रयू थंगराज ने कहा, “इस प्रोग्राम से हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जिस किसी का आईआईटी में पढ़ने या प्रोग्रामिंग और डेटा साइंस में करियर बनाने का सपना हो अब सुलभतया उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त कर सकता है। हमें विश्वास है कि यह प्रोग्राम शिक्षा के क्षेत्र में गेम चेंजर साबित होगा और आईआईटी मद्रास और अन्य संस्थानों के लिए बड़े स्तर पर अन्य प्रोग्राम शुरू करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।’’
बी.एससी. योग्यता प्रक्रिया के लिए अब तक 60,000 से अधिक आवेदन मिले हैं और वर्तमान में पूरे भारत और विदेशों के भी 12,500 से अधिक विद्यार्थी बी.एससी. प्रोग्राम में शामिल हैं। प्रोग्राम के विद्यार्थियों में कई विविधातएं हैं जैसे आयु (18-65 वर्ष), वर्तमान कार्य (विभिन्न शैक्षिक पृष्ठभूमि – वाणिज्य, कला, विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रबंधन, चिकित्सा और कानून के विद्यार्थी और फिर विभिन्न उद्योग क्षेत्रों में कार्यरत प्रोफेशनल भी शामिल हैं) और प्रोग्राम की खूबियों में एक इसमें 25 से अधिक देशों के विद्यार्थियों का शामिल रहना है।
इस सिलसिले में आईआईटी मद्रास में प्रोग्रामिंग और डेटा विज्ञान में बी.एससी. के प्रभारी प्रोफेसर डॉ. विग्नेश मुथुविजयन ने कहा, “बी.एससी. प्रोग्राम डेटा विज्ञान और प्रोग्रामिंग की दुनिया का द्वार खोलता है जहां कुशल मानव संसाधन की बहुत मांग है चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि और किसी भी आयु वर्ग का हो। खास तौर से तैयार प्रोग्राम में अब जेईई एडवांस के लिए योग्यता प्राप्त उम्मीदवारों को प्रवेश दिया जाता है ताकि आईआईटी में पढ़ने का उनका सपना सुलभतया पूरा हो और प्रोग्राम यह भी सुनिश्चित करता है कि उनकी कड़ी मेहनत और परिश्रम का फल मिले।”
प्रोग्राम में स्कॉलरशिप का भी प्रावधान है इसलिए यह सभी के लिए आर्थिक रूप से भी सुलभ है। साथ ही, विद्यार्थियों की सुविधा के लिए प्रोग्राम में लचीलापन रखते हुए एक पोर्टल पर साप्ताहिक सामग्री जारी की जाती है जो किसी भी समय उपलब्ध रहती है। हालांकि परीक्षाओं में व्यक्तिगत रूप से भाग लेना होगा जो पूरे भारत के 130 से अधिक शहरों में निर्धारित केंद्रों पर आयोजित की जाती हैं। इससे उन्हें प्राप्त ज्ञान के आकलन में विश्वसनीयता आएगी। आईआईटी मद्रास उम्मीदवारों की वार्षिक पारिवारिक आय के आधार पर 75 प्रतिशत तक की शुल्क में छूट के साथ-साथ सीएसआर भागीदारों के माध्यम से अन्य स्कॉलरशिप भी प्रदान करता है।
आवेदन की प्रक्रिया में चार सप्ताह का प्रशिक्षण शामिल है जिसमें वीडियो लेक्चर, साप्ताहिक असाइनमेंट, डिस्कशन फोरम और प्रोफेसरों और कोर्स इंस्ट्रक्टरों के साथ लाइव संवाद शामिल हैं। हालांकि आवेदकों को व्यक्तिगत रूप से योग्यता परीक्षा देनी होगी जो केवल कथित 4 सप्ताह की सामग्री पर आधारित होती है और न्यूनतम कट-ऑफ से अधिक योग्यता प्राप्त कर लेने पर उम्मीदवार प्रोग्रामिंग और डेटा साइंस में बी.एससी. के फाउंडेशन में शामिल हो सकते हैं।
प्रोग्राम को लेकर अपना पूरा अनुभव बताते हुए बी.एससी. की छात्रा सुश्री सयंतनी घोष ने कहा, “मुझे इस प्रोग्राम का बहुत लाभ मिला है। इसका कंटेंट उच्च कोटि का है। इससे निस्संदेह मेरा कोडिंग स्किल बेहतर हुआ है और साथ ही, मैंने विषयों को गहराई से जाना और समस्या समाधान की मेरी क्षमता भी बढ़ाई है। ”

आईआईटी मद्रास का परिचय
भारत सरकार ने ‘राष्ट्रीय महत्व के संस्थान‘ के रूप में 1959 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटीएम) की स्थापना की। संस्थान के 16 शैक्षिक विभागों और कई अत्याधुनिक अंतःविषयी शोध शिक्षा केंद्रों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विभिन्न कार्य होते हैं। आईआईटी मद्रास के ग्रैजुएट और पोस्टग्रैजुएट प्रोग्राम के तहत विभिन्न विशेषज्ञताओं में बी.टेक., एम.एससी., एम.बी.ए., एम.टेक, एम.एस., और पीएच.डी. की डिग्रियां प्रदान की जाती हैं। आईआईटीएम एक आवासीय संस्थान है जिसमें 600 से अधिक शिक्षक और 9,500 विद्यार्थी हैं। यहां 18 देशों के विद्यार्थी नामांकित हैं। आईआईटीएम पाठ्यक्रम सहयोग और आईआईटीएम इनक्युबेशन सेल के माध्यम से उद्यमी बनने का बेहतरीन माहौल देता है।
भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी नेशनल इंस्टीट्युशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क की 2021 रैंकिंग में आईआईटीएम ने ‘समग्र‘ श्रेणी में लगातार तीसरे वर्ष नंबर 1 स्थान हासिल किया है। संस्थान 2016 से 2021 तक लगातार छह वर्षों से कथित रैंकिंग में ‘इंजीनियरिंग संस्थान‘ श्रेणी में नंबर 1 स्थान पर कायम रहा है। यह 2019 2020 में 2021 संस्थानों की ‘अटल रैंकिंग ऑफ इनोवेशन अचीवमेंट्स (एआरआईआईए) में देश में ‘सर्वश्रेष्ठ अभिनव संस्थान‘ के रूप में भी चुना गया था। एआरआईआईए रैंकिंग की शुरुआत शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल ने की।

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