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महिलाएं और युवा साथ दें तो 1 साल में नशामुक्त पंजाब बना देंगे : कौशल किशोर

नई दिल्ली : आज पंजाब के फतेहगढ़ साहिब पंहुचे आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री कौशल किशोर “नशा मुक्त समाज आंदोलन अभियान कौशल का” के तहत देश भगत विश्वविद्यालय में आयोजित नशामुक्त संकल्प कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए। हजारों की संख्या में उपस्थित पंजाब के युवाओं से संवाद किया और उन्हें संबोधित कर नशे के दुष्परिणाम बताए व नशे से दूर रहने, अपनी दोस्ती नशामुक्त दोस्ती बनाने का आह्वान किया व उपस्थित सभी युवा साथियों को अपनी जिंदगी में नशा न करने का संकल्प दिलाया और पूरे पंजाब को नशामुक्त पंजाब बनाने के लिए युवाओं और समाज को जागरूक करने का आह्वान किया।  इस कार्यक्रम में उपस्थित देश भगत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ युवराज सिंह ने भी पंजाब को नशा मुक्त पंजाब बनाने का आह्वान किया। कौशल किशोर ने बताया कि उनका खुद का बेटा आकाश किशोर नशे के कारण मौत के मुंह में चला गया। उन्होंने कहा कि वह अब किसी भी परिवार के लड़के को नशे के कारण मौत के मुंह में नहीं जाने देना चाहते हैं इसलिए जगह-जगह जाकर वह नशा मुक्त अभियान चला रहे हैं और नई पीढ़ी के युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए संकल्प करा रहे हैं।

कौशल किशोर ने कहा नशा बड़ी तेजी से युवाओं के जीवन को बर्बाद कर रहा है। कुछ पैसों के लिए नशे के सौदागर युवाओं को मौत के मुंह तक लेकर चले जाते हैं। नशे ने समाज के ताने-बाने को बिगाड़ कर रख दिया है। नशे के सौदागरों का नेटवर्क ऐसे तो पूरे देश में फैला हुआ है और देश भर के नौजवानों को वे बर्बाद करने में लगे हुए हैं, लेकिन पंजाब इनका शिकार कुछ अधिक ही हो गया है। वास्तविकता यह है कि नशे के अवैध कारोबार में लगे अराजक तत्वों का जाल लगातार बढ़ता ही जा रहा है। यह जाल केवल पंजाब ही नहीं, बल्कि पूरे देश में बढ़ रहा है। अगर यह इसी तरह बढ़ता रहा तो यह हमारी युवा पीढ़ी को किस तरह बर्बाद करेगा और देश को इसके कितने गंभीर नतीजे भुगतने होंगे, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। जरूरत इस बात की है कि समय रहते इस पर प्रभावी ढंग से रोक लगाई जाए, ताकि देश के भविष्य को बर्बाद होने से बचाया जा सके।

कौशल किशोर ने कहा नशा केवल एक व्यक्ति को ही नहीं बल्कि पूरे परिवार को बर्बाद करता है और उससे भी आगे जाकर यह पूरे समाज को बर्बाद करता है। समाज में कई तरह के अपराध तो केवल नशे के कारण होते हैं। कुछ लोग लूट-मार जैसी वारदातों को केवल इसीलिए अंजाम देते हैं ताकि वे नशीले पदार्थो की अपनी जरूरतें पूरी कर सकें। खास कर वे युवा जो बेरोजगार हैं, या जिनकी आमदनी कम है, वे अगर नशे के चंगुल में फंस गए तो उनके पास अपनी यह जरूरत पूरी करने के लिए केवल गलत रास्ते ही हैं। पहले वे अपने घर से ही छोटी-मोटी चोरी या हेराफेरी की शुरुआत करते हैं और जब यह आगे नहीं चल पाती तो बाहर छिनैती या लूट-मार का रूप ले लेती है। नशे के गिरोह आम तौर पर कच्ची उम्र के लड़कों को इसीलिए अपना शिकार बनाते हैं, क्योंकि उनके लिए इनकी चालबाजी को समझना मुश्किल होता है। जीवन के अनुभव की कमी के नाते वे नहीं भांप पाते कि इनका दूरगामी उद्देश्य क्या है और जब एक बार वे नशे के दलदल में फंस जाते हैं तो फिर फंसते ही चले जाते हैं। देश का युवा वर्ग इसके दलदल में और अधिक न फंसने पाए, इसके लिए सबसे जरूरी है युवाओं को नशे के दुष्परिणाम बताना और नशे के खिलाफ जागरूक करना।नशे की दुकानें या अवैध नशे के तस्करों को रोकने से नशाखोरी बंद होने वाली नहीं है, इसका एकमात्र निदान केवल जागरूकता ही है। इसके लिए समाज के सभी तबकों को आगे आना होगा। खासकर महिलाओं और जो जागरूक लोग हैं उन्हें इसमें अपनी प्रभावी भूमिका निभानी होगी।

कौशल किशोर ने आह्वान किया कि जो बच्चे हैं युवा हैं नशे से दूर हैं वह नशे की तरफ न जा पाएं। इसके लिए उन्हें समय समय पर जागरूक करते रहें और जो नशा कर भी रहे हैं उनसे सामान्य व्यवहार करते हुए हम उन्हें इस बात का एहसास दिलाएं कि नशा किस तरह तुम्हारे जीवन का नाश कर रहा है। यह कैसे तुमसे तुम्हारे धन और सम्मान के साथ-साथ सुख-शांति भी छीन रहा है, नई पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए समाज के गणमान्य लोगों और बड़े-बुजुर्गो को भी यह दायित्व अपने ऊपर लेना चाहिए।

उन्होंने कहा आज पंजाब में ज्यादातर युवा वर्ग नशे का शिकार हो गया है, पहले पंजाब में 20-25 % युवा सेना में भर्ती होते थे लेकिन अंतरराष्ट्रीय साजिश के चलते पाकिस्तान ने बॉर्डर से नशा भेजकर पंजाब के ज्यादातर युवाओं को नशे का आदी बनाकर उन्हें बर्बाद करने का काम किया है, आज केवल 5% युवा पंजाब से सेना में जा पा रहे हैं, उन्होंने कहा हमारे युवाओं को ये बात समझनी चाहिए और नशे के खिलाफ युद्ध स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर खुद और दूसरे साथियों को और पूरे पंजाब को नशामुक्त पंजाब बनाने में योगदान देना चाहिए।

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के मेधावी छात्रों द्वारा नशे के खिलाफ जागरूकता के लिए रंगारंग कार्यक्रम भी किया गया।