सरकार ने उत्पादनयुक्त प्रोत्साहन के लिये ड्रोन उद्योग से आवेदन मांगे

नई दिल्ली : सरकार ने उत्पादनयुक्त प्रोत्साहन (पीएलआई) के लिये ड्रोन उद्योग से आवेदन आमंत्रित किये हैं। पीएलआई योजना को 30 सितंबर, 2021 को अधिसूचित किया गया था। कुल प्रोत्साहन 120 करोड़ रुपये है, जो तीन वित्तवर्षों के दौरान दिया जायेगा। यह वित्तवर्ष 2020-21 के मद्देनजर सभी स्वदेशी ड्रोन निर्माताओं के संयुक्त कारोबार की लगभग दोगुनी राशि है। पीएलआई की दर मूल्य-संवर्धन का 20 प्रतिशत है, जो पीएलआई योजनाओं के तहत अधिकतम प्रोत्साहनों में शामिल है। मूल्य-संवर्धन की गणना ड्रोन और ड्रोन पुर्जों (जीएसटी के हिसाब) की वार्षिक बिक्री तथा उसमें से ड्रोन और ड्रोन पुर्जों के खरीद खर्च (जीएसटी के हिसाब से) को निकाल कर निर्धारित की जायेगी। पीएलआई दर को पिछले तीन वर्षों से स्थिर रखा गया है, जो ड्रोनों के लिये विशेष सुविधा है।

योजना के अनुसार ड्रोनों और ड्रोन पुर्जों की कुल बिक्री के हिसाब से न्यूनतम मूल्य-संवर्धन मानक 50 प्रतिशत की बजाय 40 प्रतिशत रखा गया है, जो ड्रोनों के लिये विशेष सुविधा है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों तथा स्टार्ट-अप के लिये पात्रता मानक मामूली स्तरों पर है।

योजना के दायरे में ड्रोन सम्बंधी सॉफ्टवेयर के विकासकर्ताओं को भी रखा गया है। निर्माता के लिये पीएलआई की अंतिम सीमा कुल वार्षिक लागत की 25 प्रतिशत तय की गई है। इससे लाभार्थियों की संख्या बढ़ेगी। अगर कोई निर्माता किसी खास वित्तवर्ष में पात्र मूल्य-संवर्धन की सीमा नहीं छू पाता, तो आने वाले वर्ष में वह प्रोत्साहन पाने का दावा कर सकता है, बर्शते वह आने वाले वर्ष में अपनी कमी को दूर कर ले।

आवेदन केवल एक पन्ने का है। साथ में संगठन के मुखिया और सांविधिक लेखा-परीक्षक  का प्रमाणपत्र भी देना है। कंपनी के समूहों से एक से अधिक कंपनियां पीएलआई योजना के तहत अलग-अलग आवेदन कर सकती हैं। उनका मूल्यांकन भी अलग-अलग किया जायेगा। बहरहाल, ऐसे आवेदकों को कुल देय पीएलआई उनकी कुल वित्तीय लागत से 25 प्रतिशत तक ही रहेगा। आवेदन 31 मार्च, 2022 को 23:59 तक जमा हो जाने चाहिये।

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