एलोरा एक विश्व विरासत स्थल

महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिले से 30 किमी दूर एक पुरातात्विक स्थल है जिसे एलोरा गुफाएं कहा जाता है। यह विश्व के विरासत स्थल में सूचीबद्ध है। माना जाता है कि यह गुफाएं राशत्राकुता राजवंश में बनवाई गई थी। इस गुफा में 3 भाग है जिनमें 34 गुफाएं बनी हुई है। तीनों भाग हिन्दू, बौद्ध, व जैन धर्म के लिए है। बौद्ध भाग में 12 गुफाएं, हिन्दू भाग में 17 और जैन भाग में केवल 5 गुफाएं है। यह सभी गुफाएं पुराने समय की बनी हुई नायाब कलाकृति है।

एलोरा दुनिया की खूबसुरत गुफाएं : गुफाओं का पहला हिस्सा बौद्ध का है। 450 से 700 ईसा बाद बने इस हिस्से में 12 गुफाएं है। यह 12 गुफाएं दो नक़्क़ाशीदार भागों में विभाजित है यानि गुफा 1 से 5 और गुफा 6 से 12 । लोकप्रिय हिन्दू गुफाओं को ब्राह्मण गुफाएं भी कहा जाता है और यह गुफाएं 13 से 29 तक है। सभी 17 गुफाएं पश्चिमी क्षेत्र की ओर स्थित है।

इन सभी गुफाओं को विभिन्न अवधि के दौरान बनाया गया है। एलोरा में गुफाओं का अंतिम भाग जैन धर्म का है। इसमें 5 गुफाएं है। सभी गुफाओं की एक और महत्वपूर्ण विशेषता है कि प्रत्येक गुफा में पानी के स्त्रोत मौजूद है।

इसी कारण भिक्षु और सन्यासी लोग इन गुफाओं में रहा करते थे क्योकि यहां का पानी इनके काम आता था। इस व्यवस्था को देखने से पता चलता है कि उस काल में पानी को इक्टठा करने की पद्धति बहुत अच्छी थी।