॥> जग को भाजपा के दीपक से रोशन करने वाले जगत प्रकाश के गृह क्षेत्र मे दीपक तले अंधेरा क्यों?

सम्पादक, ग्राम परिवेश
जग को भाजपा के दीपक से रोशन करने वाले जगत प्रकाश नड्डा के गृह राज्य में दीपक तले अंधेरा ही नजर आ रहा है। अंधेरा होगा भी क्यों नहीं पांच साल भाजपा सरकार करोड़ो रुपए की योजनाओं के तीर अंधेरे में चलाती रही है। हां एक मंत्री इस अंधियारे का लाभ उठाते हुए समूचे प्रदेश के अभिभावकों के चिरागों का तेल (नौकरियां) चुरा कर अपने घर के चिराग को रोशन करने में जुटा रहा।
मंत्री घर के चिराग को रोशन करने में इतना मुग्ध हो गया कि बागवानी मिशन के बजट के अधिकतर हिस्से को अपने गृह क्षेत्र में ले जाने के चक्कर में न तो उचित जगह पर और न सही समय पर न लगा पाने से बागवान पट्टी को निराश कर बैठा। घर का चिराग रोशन करने में अतिउत्साहित मंत्री पड़ोसी जिला हमीरपुर के लोक निर्माण विभाग के बजट और वहां की जल शक्ति विभाग योजना का लाभ चतुराई से अपने गृह क्षेत्र की ओर ले जाने की योजना में जुट गया, लेकिन भाजपा की दमदार नेत्री एवं विधायिका कमलेश कुमारी भूदेवी सत्यभामा का रूप धारण कर सरकार व मंत्री को रोकने के लिए सामने खड़ी हो गई और क्षेत्र के लोगों को प्यासा मरने से बचा गई, लेकिन अफसोस अपना टिकट नहीं बचा पाई। भाजपा को इस भूल की भरपाई करने की भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। देखना यह है कि मंत्री के घर का चिराग यह सब करने के बाद भी 8 दिसम्बर को रोशन होता है या नहीं?
ऐसा नहीं है कि अंधेरे में चलाए तीर सब बेकार साबित हो रहे हैं। कुछ तीर निशाने पर भी लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग में जयराम सरकार की हिमकेयर, मुख्यमंत्री सहारा योजना, वृद्धा पैंशन आदि ऐसी कई सफल योजनाएं भी हैं जो लोगों को भा भी रही है और लुभा भी रही हैं। परंतु तथाकथित भ्रष्टाचार के दीमक ने इन योजनाओं की सफलता को तो चट किया ही साथ ही दो मंत्रियों को भी साफ कर दिया।
शहरी विकास विभाग ने भी स्मार्ट सिटी योजना को सफलापूर्वक लागू कर शिमला शहर को रोशन किया और विपक्ष को उनके ऊपर उंगली उठाने का अवसर भी नहीं दिया। शहरवासियों को पैदल चलने के सुरक्षित रास्ते, चढ़ाई व उतराई बचाने के लिए जगह-जगह पर लिफ्ट बनाने का काम, यातायात को सुचारू करने के लिए सड़कों को चौड़ा करना, फ्लाई ओवर बनाने के लिए रेवले बोर्ड या केंद्र सरकार से स्वीकृति लेकर शिमला शहर को उसकी गरिमा को पुन: स्थापित करने का काम किया। शिमला शहर आज अपनी भव्यता पुन: पा रहा है।
भाजपा ने शायद शहरी विकास मंत्री की कार्य क्षमता को देखते हुए उन्हें दिक्कतों से जूझ रही कसुम्पटी को सुधारने के लिए शिमला शहरी से टिकट न देकर कसुम्पटी भेजा हो या फिर पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल की तरह सियासी संन्यास की राह पर धकेल दिया है?
काम बोलता है
कड़वा व कड़क बोलने के लिए अख्याति प्राप्त शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज अपनी स्वच्छ छवि और ईमानदारी के लिए भी समूचे प्रदेश में मशहूर हैं।

भारद्वाज चुपचाप अपने काम से काम रख कर बड़े-बड़े कार्यों को समय से पहले करने की क्षमता के कारण स्मार्ट सिटी योजना के लक्ष्यों को समयपूर्व प्राप्त कर दिखा चुके हैं। शिमला शहर का विधायक रहते हुए उन्होंने शहरवासियों के हितों की रक्षा करने के लिए सरकार व शहर से सटे कसुम्पटीवासियों के साथ जम कर तर्क दिए यद्यपि यह कड़वे व कड़क तर्क उन्हें अब दिक्कत पैदा कर रहे हैं। लेकिन उनका काम करने, बोलने और अपने मतदाताओं के हितों की रक्षा करने का अंदाज अगर कसुम्पटीवासियों को रास आ गया तो भारद्वाज पासा पलट सकते हैं।
साभार : ग्राम परिवेश