वन रक्षक से मारपीट के आरोपी पर सख्त कार्रवाई न होने से हिमाचल प्रदेश मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन में रोष

शिमला : लिप्पा में ठेकेदार द्वारा वन रक्षक के साथ हुई मारपीट और उसे जान से मारने की धमकी को लेकर अभी तक सख्त कार्रवाई न किये जाने पर हिमाचल प्रदेश मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रकाश बादल ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने यहां जारी प्रैस बयान में बताया कि एक हफ्ते से ज्यादा का समय बीत जाने के बावजूद भी विभाग अभी तक डिमार्केशन नहीं करवा पाया है, जबकि विभाग के पास अपना राजस्व स्टाफ है। प्रकाश बादल ने बताया कि वन विभाग इस पर तुरंत कार्रवाई करे ताकि भविष्य में वन कर्मियों की ड्यूटी में बाधा डालने वाले लोगों को सबक मिल सके।
प्रकाश बादल ने बताया कि लिप्पा के वन रक्षक पर हमला करने वाले ठेकेदार के खिलाफ आई एफ ए (इन्डियन फारेस्ट एक्ट) की धारा 64 के अंतर्गत कार्रवाई कर उसे तुरंत गिरफ्तार कर कार्रवाई शुरू की जाए। प्रकाश बादल ने इस सम्बन्ध में मुख्य अरण्यपाल अजीत कुमार और डीएफओ अरविन्द से फोन पर बात करके तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह किया। मुख्य अरण्यपाल और डी एफ ओ ने फोन पर बताया कि वो किसी के दबाव में न आकर कड़ी कार्रवाई करेंगे और एक दो दिनों में डिमार्केशन करके कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
प्रकाश बादल ने बताया कि उन्होंने वन रक्षक मनोज कुमार से भी बात की और उनसे उनका कुशलक्षेम पूछा। हिमाचल प्रदेश मिनिस्ट्रियल स्टाफ ने प्रैस बयान में बताया कि एसोसिएशन वन विभाग के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के संग उस समय हमेशा खड़ी है जब उन पर इस प्रकार के हमले या जान का कोई ख़तरा होगा। प्रकाश बादल ने बताया कि वन विभाग के सभी कर्मचारी इस मामले में एकजुट हैं और जल्द ही इस पर कड़ी कार्रवाई की उम्मीद करते हैं।
मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि वन रक्षकों को पुलिस की तजऱ् पर स्पाई कैमरों से लैस किया जाए। जिस प्रकार ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारी स्पाई कैमरा पहन कर ड्यूटी करते हैं उसी प्रकार वन रक्षकों को भी स्पाई कैमरे दिए जाएं , ताकि इस प्रकार की अप्रिय घटना को रिकार्ड करने में सक्षम हो सकें। गौरतलब है कि यदि वन रक्षक मनोज इस वारदात की वीडियों न बना पाते तो यह मामला प्रकाश में ही न आ पाता। प्रकाश बादल ने प्रधान मुख्य अरण्यपाल से यह भी आग्रह किया है कि समस्त वन मंडलाधिकारियों को आदेश दिए जाएं कि अपना राजस्व रिकार्ड अपडेट करें ताकि लिप्पा जैसे मामलों के समय डिमार्केशन की आवश्यकता न पड़े और त्वरित कार्रवाई अमल में लाई जा सके।

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